सस्पेंस लव | Part - 9

सस्पेंस लव  |  Part - 9


अब तक आप सुन रहे थे कि मानवी शिवाए का ऑफिस में आखिरी दिन था,और अब मानवी शिवाए के साथ रहने के लिए तैयार है।मानवी अपने घर सामान पैक करने जाती हैं, मगर बकबक में देर हो जाती हैं।उधर शिवाए का फोन आता है जब उसे पता चलता है कि अभी कुछ पैक नही तो वो गुस्सा जाता है,इसपर दोनो में थोड़ी टकरार होती हैं और  मानवी गुस्से में फोन कट कर देती हैं।अब आगें क्या होगा जानने के लिए जुड़िए अपनी दोस्त आकांक्षा के साथ .....


मानवी अपने घर का सामान पैक करना शुरू की। उसे याद ही न रहा कि घड़ी में कितना बज रहा। मानवी अपने कपड़ों को एयर बैग में तह कर कर के रख रही थी।उधर शिवाए अपने घर पहुँच गया। पूरा घर अधूरा सा साय साय कर रहा था। बिस्तर पर बैग पटकते हुए उसने मानवी को फोन किया,फोन नही उठा दुबारा तिबारा लेकिन फोन रिसीव नही हुआ। शिवाए झटसे घर लॉक कर गाड़ी उठाया और निकल पड़ा मानवी के पास। उधर मानवी अपने कपड़ों को ठूसने में जुटी थी। अरे साढ़े बारह बज गए शिवाए का फोन नही आया। मानवी सब छोड़कर फोन को चार्जर से निकाल जब लॉक खोलती है तो शिवाए के छः मिस्ड कॉल पड़े हुए थे ये देखते मानवी झट से कॉल बैक करती है मन ही मन बुदबुदाती है कि हे भगवान अब तो मेरी शामत है,फोन क्यों नही रिसीव हो रहा। मानवी फिर कॉल करती है,जैसे उठाएगा मानवी तू बिल्कुल गुस्सा मत करना कितना भी चिल्लाए मिस्टर राजपूत। फोन रिसीव होता है- हेल्लो ,अभी बाहर हो घर नही पहुँचे। पहुँच गया दरवाजा खोलो शिवाए ने बड़े प्यार से बोला। मानवी बिन समझे इतराते हुए बोली ओएहोये मेरी इतनी याद आ रही कि कहने को नही । अफसोस राजपूत जी आज आपको खुद ही गेट खोलकर अंदर जाना होगा,क्योंकि आज मैं वहाँ नही ..शिवाए ने बात को काटते हुए कहा मानवी जी आप हमेशा बोतल की बोतल ही रहेंगी। अपने घर का दरवाजा खोलिये नीचे खड़ा हूँ। मानवी चौक कर क्या! नीचे,कब क्यों?मानवी दरवाजा खोल बारजे से झाँक कर देखती है,शिवाए नीचे खड़ा है। मानवी सर को हिलाकर मन ही मन बुदबुदाती है पागल हो गए राजपूत जी। दौड़ते हुए नीचे उतरती है। दरवाजा खोलती है शिवाए गाड़ी को अंदर खड़ा करता है गेट बंद कर दोनों ऊपर आ जाते है। सामान पैक हुआ शिवाए ने मानवी को हेलमेट थमाते हुए बोला। मानवी हा बस थोड़ा। मगर अभी इतनी रात को घर क्यों खाली करना।मानवी अभी थोड़े चल रहा, अभी आया हूँ तुम्हारे सामान को पैक करवाने शिवाए रूम में घुसते हुए बोला। मानवी अच्छा। दरवाजे को लॉक करते हुए शिवाए ने मानवी का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया और गले लगा कर बोला आए मिस यू। बहुत पता है तुम्हारे बिन पूरा घर सुना हो रखा है मन ही नही लग रहा। इसीलिए तुरन्त तुम्हारे पास आ गया। आई लव यू मानवी। आई लव यू टू शिवाए। मानवी ने गले लगे हुए बोला,इतना प्यार हो गया है। बहुत प्यार शिवाए ने मानवी का माथा चूमते हुए कहा। अच्छा कुछ बनाई हो भूख जोरो की लगी है। कुछ खाया नही हु ना। मैगी है तो बनाओ शिवाए बोलते हुए फोल्डिंग पर लेट गया। मानवी ने नखराते हुए अंदाज में बोला-आए हाए हुक्म तो ऐसे दे रहे मानो मैं कोई बीवी हूँ। शिवाए ने हँसते हुए कहा बीवी से कम भी तो नही!

मानवी किचन में जा कर झटपट मैग्गी चढ़ाई और फिर कॉफी दोनो मैग्गी कॉफी खाए पिए।क्या क्या बाकी है अभी रखना शिवाए ने मानवी से पूछा। बस लगभग रख ली हु बस किचन का पैक करना है। चलो तो मैं खाना बना देता हूँ तुम तब तक पैक कर लो जो जरूरत ना हो शिवाए ने मानवी से कहा। ठीक है-मानवी ने जवाब दिया। 

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