सस्पेंस लव | Part - 10


अब तक आप सुन रहे थे शिवाए मानवी के घर आ जाता है उसका फोन ना उठने पर।शिवाए मानवी को बताता है कि तुम्हारे बिन घर बहुत सुना हो गया है। फिर दोनों कॉफी मैग्गी खा कर सामान पैक करने में जुट जाते है अब आगे....

शिवाए झटपट किचन में खाना बनाने लगता है। मानवी सामान पैक करने लगती है। कितना सामान रखी हो तुम मानवी इतना सारा अकेले रहती हो या दुकेले शिवाए मानवी को चिढ़ाते हुए बोलता है। मानवी तुनक कर बोलती है आंखे छोटी और भौहे सिकोड़े तब पता नही था कि मिस्टर मिलने वाले है। हाहाहा जोर से हँसते हुए शिवाए बोलता है तुम्हारी अदाएं ना दीवाना कम तुम्हारी ये चुलबुली बातें प्यार करा देती हैं। अच्छा मानवी घर पे बताया कि तुम मेरे साथ रहने जा रही। मानवी नही शिवाए।अरे क्यों शिवाए ने मानवी से पूछा। यू ही शिवाए। बताना नही बताना क्या फर्क पड़ता है। मानवी मगर, मानवी ने शिवाए को टोकते हुए कहा अब मूड मत खराब करो ना प्लीज। 

अच्छा चलो खाना खा लो घड़ी में डेढ़ बजे गए शिवाए ने मानवी से कहा। दोनो हाथ धोकर खाना लगाते है और फिर खाने बैठ जाते है।अरे वाह!  मेरी बड़ी बहू तुमने तो खाना लाजवाब बनाया है, आए हाए क़सम से मजा आ गया मानवी का इतना बोलना शिवाए पेट पकड़ कर हँसने लगता हैं। मानवी तुम नही सुधरोगी। बड़ी बहू हाहाहा ओह माएँ गॉड मानवी तुम्हे भगवान ने बहुत सोच समझ कर बनाया है कसम से। मानवी ठुनकते हुए हा हा तुमसे जो मिलना था। चलो जल्दी खाओ सोना भी है शिवाए। दोनो फटाफट खा कर लेट जाते है। ओह्ह पूरा पैक हो गया। पता आंटी को बोली ना तो वो चौक गयी क्यों खाली कर रही हो।तो बोला नही कौन रहेगा आपके इस सीलन वाले घर में शिवाए ने बोला।शिवाए ऐसा में किसी को नही बोलती गलत बात है। शिवाए मानवी को चूमते हुए अच्छा जी तो सही क्या है,मानवी सही ये है कि मैं नीचे सोने जा रही क्या पता कब तुम पागल हो जाओ। शिवाए अरे अरे कुछ भी। तुम रोमांटिक हो तो कुछ नही ,मैं थोड़ा कर दु तो छोड़ो हटाओ।तुम नीचे मत सो मैं सो जाता हूँ, अरे नही शिवाए तुम सो ना।शिवाए ओके कोई दिक्कत तो नही है ना सोने में नीचे। नही बाबा इतने क्यों परेशान हो शिवाए मानवी ने तकिया लगाते हुए कहा और लेट गयी। दोनो थके होने से गहरी नींद में सो गए। रात के करीब तीन बजे होंगे कि मानवी के पैर पर उसे महसूस हुआ कुछ छू रहा,मानवी शिवाए सो ना चुप चाप बीवी थोड़ी हु तुम्हारी जो पूरी रात मोहब्बत करू। बाद में उसे लगा कुछ और है और वो जोर से चिंखी अअअअअअ....शिवाए अचानक नीद से उठा क्या क्या क्या हुआ मानवी उसने टोर्च ज्यो जलाया मानवी उछलती पैर को पटकती शिवाए के फोल्डिंग पर आ बैठ गयी काँपने लगी।शिवाए ने टोर्च को जमीन पर मार कर देखा तो दो कॉकरोच टहल रहे थे। मानवी कॉकरोच से डर गई तुम हद हो।मानवी बिल्कुल डर गई थी,शिवाए ने मानवी को गले से लगा लिया ,जब बोला यही सो तो ड्रामा कर रही थी खैर कोई नही मानवी मैं हूं ना फिर क्यों। मानवी नॉर्मल हो कॉकरोच से कौन डरता है भला अच्छा मैं नीचे सो जाता हूँ तुम सो आराम से ऊपर। मानवी ने शिवाए को तेज से पकड़ लिया नही यही रहो दबी आवाज में मानवी जवाब दी।अच्छा तुम सो मैं बैठा हूँ,मानवी तुम भी लेट जाओ ना । ओके शिवाए मानवी को गले लगा लेट गया। दोनो सो गए सुबह उनकी जब नीद खुली तब घड़ी में साढ़े दस बज रहे थे। शिवाए ने मानवी को उठाते हुए कहा मानवी उठो साढ़े दस हो गया। निकलना भी है और तुम्हे ऑफिस। मानवी आज नही मन है जाने का आफिस अच्छा ठीक है मगर मेरे घर तो चलना है। मानवी करवट बदलते हुए बोली क्या मेरा मेरा लगा रखा है,हमारा बोलो। शिवाए मुस्कुराते हुए मानवी जी हमे हमारे घर चलना है।देर हो रही उठिए। मानवी मुस्कुराते हुए हग मी!शिवाए ने मानवी को गले लगाते हुए बोला रात को मेरी बेबी डर गई थी कॉकरोच से। मानवी - शिवाए प्लीज चिढाओ मत। मेरी इतनी हिम्मत की मैं तुम्हे चिढाऊ शिवाए ने मुस्कुराते हुए बोला। अब उठ जाओ बेबी। मानवी उठती है और ब्रश करने जाती है, दोनो तैयार होते है और कैब बुलाकर फिर समान रखते है और शिवाए के घर पहुँचते है। कैब से सामान उतरने के बाद शिवाए मानवी को देखता है फिर बोलता है अच्छा हुआ अपार्टमेंट में लिफ्ट सही है वरना हम तो आधे हो जाते। मानवी ओये हेल्लो में खुद चढ़ लुंगी वैसे भी तीन एयर बैग ही तो है और दो कार्टून तुम उठा लो। मानवी तुम और एयर बैग उठाओगी शिवाए ने मानवी को घूरते हुए कहा।दोनो मिलकर लिफ्ट तक सामान पहुँचाये और लिफ्ट खुलते सारा सामान लोड किया ऊपर आ गए। मैं कौन सा रूम लू मानवी ने शिवाए से पूछा?मानवी जिसमे तुम रहती थी वही। वो तुम्हारे लिए सही है ठीक है। ओके। सामान रख कर मानवी बोली कॉफी चलेगा । शिवाए काउच पर लेटे हुए बोला बिल्कुल चलेगा,मगर उससे पहले इस मजदूर को मीठी वाली किस्सी मिल जाती तो थकान दूर हो जाती। अच्छा ऐसा क्या मानवी करीब आ कर बोली तो ये लो देर किस बात की।अब ताज़गी आ गयी हो इस मजदूर को तो कॉफ़ी पिला दो,मानवी आँख मारते हुए बोली। अरे ये क्या बात हुई मिस मानवी। मानवी ने इठलाते हुए कहा मममम ...प्लीज बेबी का मन है।अच्छा ठीक है,भाई शिवाए उठकर किचन में चला जाता हैं। 

इधर मानवी अपने एयर बैग खोलकर कवर्ड में ड्रेस लटकाने के लिए उठती है, वही से चिल्लाती है शिवाए मुझे हैंगर चाहिए। मानवी तो ले लो।मानवी सारे कपड़े धीरे धीरे निकाल कवर्ड में रख देती हैं। शिवाए कॉफी ले कर जब आता है देखता है उसके कपड़े अलमीरा में कोने में पड़े है ,पूरे अलमीरा मानवी के कब्जे में है। शिवाए मानवी को चिढ़ाता है अभी तक मुझपे कब्जा था अब तो अलमीरा में भी हो गया। मानवी शिवाए के गले लग बोली तो तुम चाहो तो कब्जा कम कर दू।  शिवाए नही मुझे तुम पसन्द हो तुमसे जुड़ी हर चीज। सच्ची, या मुझे बुद्धू बना रहे। सच्ची मानु शिवाए इतना बोल मानवी को कस कर गले लगा लेता है। 

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