बीवी हूं तुम्हारी

बीवी हूं तुम्हारी



तपस्या ने सचिन को पीछे से ठोकते हुए कहा किसे बड़ बड़ा रहे हो तुम। बारजे से नीचे झाँकते हुए तपस्या बोली कोई तो नही है साला। अब समझी पतिदेव अपनी पत्नी को गरिया रहे है। कान खोल कर सुनलो आप। अगर सबके आगे तुम्हारा नाम लेकर बुला ली तो हक है मेरा, अगर सबके साथ आपके पास आकर बैठ गयी तो भी हक़ है मेरा, अगर सबके  सामने तुम्हारे साथ घूमने जाने की बात रख दी तो हक है मेरा। बीवी हूं तुम्हारी, रखैल नही। खुद चलकर आए थे मेरे दरवाजे रिश्ता लेने ,मैं नही भाग रही थी तुम्हारे पीछे। जब देखो तब परिवार से पति तक भून भून करते रहंगे। बहू तुम हमारी बेटी हो । जब बहू बेटी बनकर सबके साथ बैठ गयी तो कोई तमीज़ तहजीब नाम की चीज है भी या नही,माँ बाप कुछ तो सीखा कर भेजे होते। अगर बहू बेटी की तरह बिन दुप्पटा पूरे घर मे घूम ले तो आए हाए देखो तो सर पर पल्लू तो दूर शरीर से लिहाज की चुनरी ही हटा दी। अगर बहू बेटे के साथ बाहर चलने की जिद्द  करे तो ,सबके मुँह भौह तो ऐसे बनेंगे मानो भाग कर शादी की है तुमने मेरे साथ। 
पूरे दहेज में 30 लाख रुपए लेकर आई हू फोकट की नही आई हू जो तुम सबकी जान निकलती है। सचिन अब बस भी करो,तपस्या अभी तो शुरू हुई हू बुरा लगा अपनी माँ से कहोगे कह दो। मैं भी तपस्या ठाकुर हु। बाजार का सामान नही की जहां चाहा अपने हिसाब से रखोगे। अपने परिवार वालो को जाकर बाहर बोल दो वरना मैं बोलूंगी तो चुप नही रहूंगी। 

तपस्या ने उसी दिन एक सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट की। आज ये मैसेज उनके लिए जो शादी करना चाहते है,उनके लिए भी जो शादी कर चुके है,उनके लिए भी जो बहू को बेटी का दर्जा देने का आवोहवा बनाते है। सभी ससुराल वालों कान खोलकर सुनलो बहू को बेटी माना होता जिस दिन उस दिन से बहु के घर से बेटी लेकर आओगे मुँह माँगी रक़म नही। लाखों के डिमांड करने वाले ये खोटे ड्राफ्ट हमारे पिता को मंत्रमुग्ध कर कैसे लेते है,जेब गर्म करके फिर बोलते है जोड़ी तो ऊपर वाले बनाते है,साला भगवान को भी नही छोड़ते है ये लोग। सत्तर रिश्ते के बाद इन्हें वो लड़की पसन्द आती है जो देखने मे शक्ल से हो या न हो मगर बैंक बैलेंस है या नही ये देखते है फिर बोलते है इनकी जोड़ी तो भगवान ने बनाई है। मुझे समझ में नही आता, क्या भगवान कमीशन भी लेता है क्या? दूसरा पति लोग कान खोलकर सुनलो,मैं वही हूं जिसके लिए तुम पूरी दुनिया के सामने झूमते हुए हजारों का झुंड लेकर मेरे दरवाजे आये थे,मैं वही हु जिसके साथ तुमने पूरे भरे समाज के बीच मेरे गले मे अपने नाम का जयमाला डाला,वही हु जिसके साथ तुमने चिपक चिपक कर फोटोशूट कराया तब कहा थी तुम्हारी शर्म। मैं वही हु जब इसी पूरे के सामने तुमने मुझे मंगलसूत्र पहनाया,माँग में सिंदूर डाला तब क्यो नही डरे। मैं वही हु जो हर रोज तुम्हारे लिए रोबोट की तरह उठ कर काम करती रहती हूं।तो जब तुम्हे उस समय शर्म ना आई तो अब काहे को बैठ गयी तो क्या उफ़्फ़फ़। आखिर बीवी हु तुम्हारी!

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