सस्पेंस लव पार्ट -6
Part -6
अब तक आप सुन रहे थे कि मानवी शिवाए एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके है। अब मानवी शिवाए के साथ रहने का प्लान तैयार कर लेती हैं और शिवाए उसे अपना दूसरा वाला कमरा बॉलकनी घुमाता है,और बताता है कि तुम इस रूम में रह सकती हो। मानवी बहुत खुश हो जाती है और कमरे को अपने तरीके से सजाना चाहती है। अब क्या होगा आगे जानने के लिए जुड़िए मेरे यानी काफी चक्कलस दोस्त आकांक्षा के साथ .....
मानवी- शिवाए क्या मैं इसे अपनी तरीके से सजा दू।
शिवाए- मर्ज़ी तुम्हारी मानवी। अब से ये रूम तुम्हारा है जो करना हो ,जैसे रखना हो रखो।
मानवी- हमेशा की तरह बेवकूफो भरे अंदाज में पूछती है- इसका किराया कितना लगेगा।
शिवाए मानवी को घूरते हुए- तुम नही सुधरोगी,बिन बकवास किये तुम्हारा पेट कहा भरने वाला। और कोई बकवास है। तुम यार मुझे किराया,सोच भी कैसे लेती हो इतना ज्यादा। अच्छा नही लगता कभी कभी तुम्हारा इस तरह का बिहेवियर। ठीक है तुम वही रो जहाँ रह रही हो,मैंने सिर्फ सेफ्टी के लिए यहाँ बोल दिया तो तुम हो कि यार बक।
मानवी- सॉरी।
शिवाए-क्या सॉरी। हा तुम दो किराया। बताओ किसको इधर आओ, शिवाए मानवी का हाथ पकड़कर भगवान के मंदिर के पास ले जाता है,मन्दिर पे रखे गुल्लक की ओर इशारा करता है। तुम अपना किराया इन्हें देना। ठीक अब खुश।
मानवी मुस्कुरा के फिर पूछ बैठी- जब ये भर गया तब।
शिवाए- सर पकड़कर पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। मानवी तब हम बैंक में जमा करना शुरू कर देंगे अब ठीक है ना।
मानवी- हँसते हुए,अभी इतने परेशान हो जा रहे यहाँ रहूँगी ना तो कितना परेशान होंगे।
शिवाए- मानवी ऐसा नही है। तुम यार किराए तक चली गयी क्या बोलू।
मानवी-कान पकड़कर बोली सॉरी राजपूत जी,अब गलती ये वाली नही करूँगी।
शिवाए- सॉरी तुम दिन भर में सौ से ऊपर बोलती हो कभी सोचती हो इतना सॉरी क्यों तुम्हे बोलना पड़ता है। कभी कुछ भी बिन सोचगे समझे बोल देती हो।
मानवी ने शिवाए को टोकते हुए- ऐसा नही है शिवाए।
शिवाए मानवी का उतरा चेहरा देख मुस्कुरा पड़ता है और उसे गले लगा लेता है। आई लव यू मानवी।
मानवी इठलाते हुए बोलती है,जब इतना प्यार करते हो तो उतना गुस्सा क्यों दिखाते हो।
शिवाए-सॉरी मानवी जी।
मानवी- मुझे तुम्हारे जैसा जीवनसाथी चाहिए।
शिवाए-अब जीवनसाथी तो नही मगर दोस्त हमेशा रहूँगा। जब तक तुम नही भूलती।
मानवी-मुस्कुरा के मुझे पता है दोस्ती जो राजपूत से की हुँ।
शिवाए-मानवी अब बक बक बहुत हो गयी ,चलो भूख लगी है,कुछ बनाएं और तुम्हे जो भी डेकोरेशन के लिए लेना है वो ले लो। क्योंकि उसके बाद केस की लिस्ट फाइनल करके पेन ड्राइव में भी रखना है और केस रीड भी क्योंकि हो सकता है कल हमारे बॉस आए। ठीक है तो तुम आफिस का काम कर लो मैं खाना बना देती हूँ । नही मानवी,दोनों मिलकर बनाएंगे तो जल्दी काम खत्म होगा। ठीक है। दोनों मिलकर खाना बनाते है फिर फटाफट से खा पीकर अपने अपने काम मे जुट जाते है।
मानवी कान में हेडफोन लगा झूमते गाते काम मे मशगूल हो जाती है,कभी जोर जोर से गाने लगती है तो कभी झूमने। ये देखकर शिवाए को गुस्सा आ जाता है,शिवाए चुपचाप उठता है और मानवी का हैडफ़ोन निकाल देता है मानवी जोर से घुड़कते हुए बोलती है....अअअअअअ क्यों यूयू...!
शिवाए बिन कुछ बोले वापस अपने कुर्सी पर बैठ जाता है।
मानवी उठकर शिवाए के पास जाती है और बोलती है,शिवाए कॉफी पियोगे।
शिवाए- तुम पी लो।
मानवी- उसके चेहरे को देख जोर से हँसती है,फिर से बोलो तुम पी लो।
शिवाए तुनकते हुए- तुम्हारे कुछ समझ नही आता क्या?
मानवी ओह्ह वो क्या है तुम्हारे नाक पे बाप रे।
शिवाए हड़बड़ा पड़ता है कहा कहा।
मानवी शिवाए के नाक को हिलाकर कहती है,पकड़ली इसको जब देखो तब आ जाता है और पूरा माहौल खराब करता है। अभी बताती हु इसे।
शिवाए- हे क्या जो ,मुझे तो दिखाओ।
मानवी शिवाए को चूमते हुए कहती है तुम्हारे नाक पे बैठे गुस्से को पकड़ ली आज अब देखो इसे मैं कभी यहाँ तो बैठने नही दूँगी।
शिवाए- सर को हिलाते हुए पकड़ कर बोलता है,मानवी तुम ना। मुस्कुरा के उसके गालो को चूमते हुए बोलता है,तुम कही से ऑफिसर नही लगती। अब समझा केस क्यों नही सुलझता।
मानवी ओह्ह हेल्लो ज्यादा इतराओ मत हा। कुछ जाम मैंने किया है तब तुम आके फाइनल टच। भाव देखो तो ऐसा।
शिवाए मानवी को गले लगा लेता है। तुम्हे बहुत मिस करूँगा। जब भी तुम मेरे पास से दूर जाओगी।
मानवी- मैं भी। तभी उसे याद आता है और बोलती है,वैसे मेरे हैडफ़ोन से क्या दिक्कत थी?
शिवाए दिक्कत नही थी,कब से कुछ भी पूछ रहा बोल रहा तुम हो कि मुझे इग्नोर करके मस्त हो अपने काम मे ये भी कोई बात हुई अकेला महसूस करने लगा था।
मानवी अअअअअअ सॉरी। अब नही लगाउंगी। मेरी आदत है ना ऐसे काम करने की ।प्यार को कोई इग्नोर थोड़ी करता है। मेरे रहते अकेला कैसे महसूस हुआ।
तुम्हे पता तुम ना मुझे कभी कभी वो नीली वाली चिड़िया की तरह लगते हो।
शिवाए कौन सी चिड़िया।
मानवी शिवाए के गाल को खिंचते हुए- आँख मारके बोलती है एंग्री बर्ड। जोर जोर से हँसने लगती है।
शिवाए मैं एंग्री बर्ड हूँ।
मानवी- येस मिस्टर राजपूत।
शिवाए मुँह को बिचकाते हुए - मानवी जाओ नही बात करता तुमसे।
मानवी शिवाए के कान में धीरे से बोलती है- कौन तुम्हे यू प्यार करेगा जैसे मैं करती हूँ।
शिवाए मानवी को गले से लगा लेता है। सॉरी मानवी।आई लव यू। बहुत ज्यादा। पता तुम नही बोलती हो ना तो अकेला महसूस होने लगता है। मानवी शिवाए मैं तो तुम्हारे बहुत पास हु,फिर अकेला क्यों। वैसे हम कहि बाहर जाने वाले थे,अमीना बाद बाजार चले। चलो। दोनों कॉफी पीते है तैयार होते है। बाहर जाते है। घूमकर आते है। अब आगे..
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