सस्पेंस लव पार्ट -4

Part 4  सस्पेंस लव 


अब तक आप सुन रहे थे कि मानवी शिवाए एक दूसरे को चाह ने लगें है। इतना ही नही दोनो को ही इतनी मोहब्बत है कि एक दूसरे को धोखा नही देना चाहते। शिवाए मानवी से किसी भी तरह का झूठ नही बोलना चाहता था। उसने अपने रिश्ते को साफ साफ बता दिया कि वो शादी शुदा है क्या फिर भी तुम ऐसे रिश्ते में रिश्ता जोड़ोगी। अब क्या होगा आगे जानने के लिए जुड़िए मेरे यानी काफी चक्कलस दोस्त आकांक्षा के साथ .....

शिवाए- मानवी क्या तुम ऐसे रिश्ते में रिश्ता जोड़ोगी। 
मानवी- शिवाए के गले से लिपट रोने लगती हैं, शिवाए मैं सचमुच तुम्हे पसन्द करने लगी हूँ। मैं तुम्हारे बिना नही रह सकती शिवाए। यही न तुम मुझसे शादी नही कर सकते ,कोई नही आए मैनेज। बस तुम मेरे साथ रहो। तुम्हारे साथ मुझे बहुत अच्छा लगता है। कितनी भी दुःखी रहती हूं तुमसे बात करके खुश हो जाती हूं। शिवाए अब बोलो भी कुछ। 
शिवाए- मानवी मगर मैं तुम्हारे साथ इस तरह रिलेशन नही रख सकता। 
मानवी- ठीक है शिवाए आज तुम्हे अपनी शादी रिश्ते की पड़ गयी,तो बीती रात वो मैसेज क्यों बोलो शिवाए राजपूत? 
शिवाए- मानवी हम इस बात पर आराम से बात करते है अभी तुम भींग रही हो मानवी। 
मानवी- भींगने दो,तुम्हे क्यों फर्क पड़ रहा। 
शिवाए- मानवी क्यों नही पड़ेगा मुझे तुम बहुत ज्यादा पसंद हो। तुम नही समझोगी ,इतनी खास हो चुकी हो कि घर का एक हिस्सा हो चुकी हो। तुम चुप रहती हो तो मन मे भूचाल उमड़ पड़ते हैं। ऐसा लगता है कि बस तुम्हे अपने पास रख लू और एक तकलीफ न होने दु। 
मानवी- झूठ।सब झूठ । मानवी शिवाए के हाथ को छुड़ाते हुए सड़क पार करने के लिए मुड़ती है। और ऑटो में बैठ जाती है। 
शिवाए- मानवी रुको मैं घर छोडूंगा उतरो ऑटो से। नही शिवाए तुम जाओ मैं खुद चली जोऊंगी। मानवी को बार बार आग्रह करने पर भी वो जब नही मानती तो शिवाए ऑटो वाले को गुस्से में बोलता है - रोक गाड़ी। मानवी का हाथ पकड़ उसे ऑटो से उतारता है।
 मानवी रोते हुए- क्यों शिवाए। 
शिवाए- मानवी को गले से लगा लेता है, पागल हो गयी हो पूरी तरह से भींग गयी हो ऊपर से खाली ऑटो में बैठ गयी। मैं मर गया हूं क्या। 
मानवी- शिवाए के मुंह पर हाथ रखते हुए चुप। शिवाए आए रियली लव यू। 
शिवाए- आई लव यू टू मानवी। चलो तुम्हे घर छोड़ दी। बारिश बहुत तेज है। बैठो। मानवी शिवाए के साथ बैठकर घर आती है। घर पे उसके ताला लटका हुआ होता है। मानवी शेड के नीचे खड़ी होकर बैग से मोबाइल निकालती है ऑन्टी को फोन करती है,पता चलता है आज वो नही आ पाएंगी, उनकी माँ गुजर गयी। मानवी बिल्कुल परेशान हो जाती है कि अब वो कहा रहेगी। 
शिवाए- मानवी अगर तुम्हें कोई दिक्कत न हो तो मेरे यहाँ चल चलो। या कोई तुम्हारा यहाँ रहता हो तो मैं वहाँ छोड़ दू। 
मानवी- शिवाए इस शहर में मेरा कोई नहीं है। 
शिवाए- तो तुम मेरे साथ चलो कहा रहोगी। चलो। मानवी तैयार हो जाती है और शिवाए के साथ उसके घर चली जाती है। शिवाए एक अपार्टमेंट में टू बीएचके फ्लैट लेकर रहता हैं।
 शिवाए- मानवी बाथरूम सामने है जाओ पहले बॉडी पोछो और, अलमीरा से अपनी टीशर्ट और लोअर निकालते हुए उसने मानवी की ओर बढ़ाया। ये लो जाओ बदल लो। अपने कपड़े वाशिंगमशीन में डाल देना ड्रायर से जल्दी सुख जाएगा।ठीक। मैं भी चेज कर लेता हूं तब तक। 
मानवी ठीक है। 
शिवाए- चेंज करके मानवी सक्सेना आप ठीक तो है न अभी तक बाथरुम में ही है। मानवी की आवाज न आने पर शिवाए बाथरूम का दरवाजा खटखटाता है। मानवी..मानवी। 
मानवी- अंदर से हा।
शिवाए- सब ठीक है न । तुम ठीक हो न । 
मानवी- हा। 
शिवाए- मानवी प्लीज तुम बाहर निकलो, मुझे घबराहट हो रही है,तुम काफी देर से ही अंदर हो। अंदर से मानवी के रोने की मधम आवाज आती है। शिवाए देखो मानवी तुम बाहर आ जाओ नही तो मैं अंदर आ जाऊंगा। 
मानवी- लॉक खोलती है और सीधे सामने खड़े शिवाए से सीने से चिपक जाती है। जोर जोर से रोने लगती है। 
शिवाए- मानवी हुआ क्या। चुप हो जाओ। शांत मानवी। 
मानवी - रोते हुए आवाज में तुम्हे नही पता शिवाए। 
शिवाए- मानवी । मानवी के चेहरे को ऊपर उठाते हुए, माथे पर चूमते हुए बोलता है, सॉरी। मैं खुद तुम्हे बहुत मानता हूँ मानवी,बस इसीलिए कुछ भी झूठ नही रखना चाहता। 
मानवी-नाक सुबकते हुए,ठीक है मुझे पति पत्नी और वो वाले साथी मंजूर है। 
शिवाए- उसकी ये बात सुनते हँसने लगता है। मानवी तुम्हारी यही अदाएं तो मुझे तुम्हारे पास ले आती है। तुम सच बहुत प्यारी हो। मैं तुम्हारे साथ जीवन भर रहूंगा। 
मानवी- पक्का। 
शिवाए-पक्का। 
मानवी- छींक देती हैं। 
शिवाए- देखा सर्दी हो गयी इस बेबी को। रुको अब तुम बैठो मैं कॉफी  और तुम्हे मैग्गी खिलाता हू। 
मानवी- मैं हेल्प करू। 
शिवाए- अरे नही मानवी। मैं कर लूंगा। 
मानवी ओके मिस्टर राजपूत। मानवी ने शिवाए का कॉलर खिंचते हुए उसे अपने करीब लाई और उसके गॉल पर एक मीठी मीठी चुम्बन रख दी,मुस्कुराते हुए अंदाज में बोली लव यू।
शिवाए- आए लव यू टू। शिवाए किचन में चला गया। मानवी पास में पड़े बैग पर देखी,उसपे मानवी और शिवाए के जन्मदिन की वो तस्वीरे बन कर रखी हुई थी,जिसमें शिवाए और मानवी की हर छोटी से छोटी हरकत कैद थी। मानवी देखते हुए मुस्कुराती है,तभी शिवाए उसके करीब आता है कॉफ़ी मग लेकर। मग मेज पर रखते हुए। मानवी सक्सेना आते ही आप मेरे घर की पड़ताल करने लगी। 
मानवी - मुस्कुराते हुए,ये सब क्या है शिवाए। 
शिवाए- बस यूं ही। उस दिन तुम बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। इसलिए बनवा लिया। 
मानवी- मुझे बताए भी नही,वो तो भगवान का शुक्रिया जो आज न बारिश होती न मैं तुम्हारे घर आती है। 
शिवाए- मानवी। 
मानवी- शिवाए। 
शिवाए- मानवी की बात को काटते हुए,अच्छा केस का क्या सिन है,लैपटॉप उठाते हुए ये देखो सही है।ये कुछ पुराने इन्वेस्टिगेशन को मैंने खँगाल कर उसमें से ये रीड कर मैंने लिखा है। पढ़ो तब तक तुम मैं कुछ खाने को बनाता हूँ। क्या खाओगी। पनीर  है। 
मानवी- शिवाए तुम बैठो मैं बनाती हूं। 
शिवाए- मानवी तुम।
मानवी- हा। मैं। ऐसे क्या शक भरी नजरों से देख रहे मुझे सब आता है बनाने। 
शिवाए-ओके मैडम। 
मानवी-खाना बनाना शुरू करती है,जितना बनाती नही है उतना हल्ला मचाती है ये कहा है वो कहा है। शिवाए गुस्से में यार इससे अच्छा मैं ही बना लू। मानवी शिवाए के करीब आकर आंख मारते हुए बोली बेबी को गुस्सा आ गया। सोली। 
शिवाए और नही तो क्या बार बार उठा दे रही हो। सॉरी। मानवी के उतरे चेहरे के माथे को चूमते हुए। वैसे तुम सब्जी बनाओ में रोटी बना लूंगा। 
मानवी - शिवाए मैं कर लुंगी। 
शिवाए-हा मुझे पता है। 
खाना बना कर फटाफट से मानवी किचन से आवाज लगाती है अजी सुनिए खाना तैयार है,हँसती हुई निकलती है शिवाए ये सुन हँसने लगता है अच्छा मिस । तुम तो बिल्कुल बीवियों की तरह आवाज लगाई। मानवी हँसती रही। मजा नही आया। शिवाए बहुत आया। मुझे लगता था,मानवी शिवाए के बहुत करीब आगयी क्या लगता था। उसकी आँखों मे आंखे डालकर शिवाए कुछ पल के लिए पसीने पसीने हो गया। वो वो। मानवी वो क्या । हां हा हा डर गए फट्टू। ज्यो मुड़ी किचन से खाना लाने के लिए पता नहीं शिवाए को क्या हुआ उसने मानवी को अपनी ओर खींचा और किश करने लगा। मानवी बिल्कुल समझ नहीं पाई। कुछ देर के तक रूम पूरा शांत हो गया। मानवी ने शिवाए को रोकते हुए क्या हो गया। अचानक से इता प्यार। शिवाए ने मानवी को कस के पकड़ लिया और बोला प्यार तो था ही आज बस उतर गया। मानवी ने शिवाए को घुमाते हुए बोला ओफ्फोह भूख लगी है भाई। चलो खाते है। हम्म। दोनों खाना लगा बिस्तर पर ही बैठ जाते है। 
शिवाए - अरे वाह मानवी मस्त सब्जी बनाई हो। 
मानवी- ओह थैंक्यू। 
दोनों खाना खाते है और फिर मानवी रोज की तरह घर पे बात करती है और फिर लेट जाती है। उसे नीद ही नही आती न ही शिवाए को। शिवाए मानवी तुमने कभी सोचा था कि तुम मेरे घर आओगी। मानवी नही मगर कभी ये भी नही सोची थी कि तुम्हारे कपड़े पहनुगी। दोनों हँस पड़ते है। तुम मूवी देखती हो। ह्म्म्म बहुत दिन हो गए लगाओ। कौन सी लगाऊ टाइटेनिक कैसा रहेगा या हॉरर। नही हॉरर नही मुझे डर लगता है। मानवी तुम्हे डर लगता है। हाहा ओके हा तो भूतिया चीज से डरती हु। आज तुम्हे वही दिखाऊंगा। नही शिवाए क्यों। तुम्हे मजबूत बनाना है। समझी जानेमन। 
मानवी जब तुम ने तय ही कर लिया है तो क्या बोलना। घोस्ट फिल्म शुरू हुई। मानवी तकियों में दुबक देखे जा रही थी ,अचानक से डरके काँपने लगती है। शिवाए मानवी क्या हुआ तुम ठीक हो न । मानवी तुम इतनी ठंडी कैसे हो रही सॉरी मुझे नही लगाना चाहिए था। शिवाए मानवी का हाथ पैर रगड़ने लगता है। मानवी थोड़ी देर में नार्मल होती है। शिवाए मानवी के माथे को चूमते हुए मुझे माफ़ करदो मानवी। मानवी शिवाए के गले लग कर रोने लगी। 
शिवाए-मानवी सॉरी। मेरी वजह से तुम्हारी तबियत। 
मानवी- कोई नही। कॉफी मिलेगी। 
शिवाए ने मानवी को चूमते हुए कहा बिल्कुल मेरी जान। 
शिवाए ने झट से कॉफी बनाई और एक कप मानवी को दिया एक कप खुद। मानवी मुस्कुरा के बोली थैंक्यू। शिवाए अब सो जाओ तुम और मैं भी। हम्म मगर तुम यही सो कही वो भूत आ गया तो। 
शिवाए बक मानवी। अच्छा ठीक है मैं यही हु। तुम सो ।मानवी सो गयी।करीब घड़ी में तीन ही बजे होंगे कि मानवी जोर जोर से चिलाने लगती है मुझे बचा लो दूर हो दूर हो मुझसे मेरा गला मत दबाओ। छोड़ो मुझे ।शिवाए हड़बड़ा कर उठता है और लाइट ऑन कर देता है मानवी को हिलाकर बोलता है मानवी मानवी। मानवी रोने लगती है,शिवाए वो लोग मुझे मार देते। कौन मानवी। पहले तुम पानी पियो। कोई तो नही है मेरे पास आओ। शिवाए मुझे बहुत डर लग रहा बहुत।शिवाए- सॉरी मेरी ही गलती है तुम तो बोल रही थी मगर मैं ही नही सुनना। अभी कैसी हो । 
मानवी- ठीक हु। 
शिवाए-मानवी के माथे को चूमते हुए सॉरी बेबी। कॉफी पियोगी। 
मानवी ने सर हिलाया। शिवाए तुम परेशान हो गए हो न। 
शिवाए- अरे नही गलत किया हु तो भुगतुंगा भी मैं ही ह्म्म्म। मानवी शिवाए से लिपट जाती है और उसे किश कर देती है। शिवाए -मानवी अगर मैंने भी कर दिया तो । 
मानवी- तो क्या। 
शिवाए- तो शिवाए मानवी को किश करने लगता है किश करते करते कब दोनों इतने नजदीक आ जाते है उन्हें पता ही नही होता। प्यार के जोश में कब एक दूसरे के ड्रेस निकाल देते है उन्हें शायद खुद न अहसास होता है। आज दोनों में एक कदम और आगे बढ़ जाता है रिलेशनशिप। प्यार की सुखद अनुभूति को मानवी कही छुपा के रख लेना चाह रही थी। दोनों सो जाते है। घड़ी के 9बज रहे थे मानवी की नीद खुलती है और देख्ती शिवाए अभी तक सो रहा। मानवी शिवाए के करीब आकर उसे आहिस्ता से किश करती है बोलती है आई लव यू माय लव।मानवी- शिवाए उठो ।
शिवाए- सोने दो न मनु बेबी । वैसे भी संडे है ।रात भर सोने नही दी।
मानवी अच्छा जी। जा रही हूं अपने घर बाय।
शिवाए- मानवी को पकड़ता गया पीछे से बोलता है,सॉरी जान बेबी मेरी गुच्छा हो गयी। मानवी- बहुत। शिवाए- मना लू फिर एक बार। मानवी- शिवाए । 
 



















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