भुल्लकड़ पिया




देखिए ऋषि आपसे गलती हुई है और अब मान भी लीजिए अवनी जोर जोर से ऋषि अपने पति पर भड़क रही थी। ये क्या तरीका है अवनी माँ ने टोकते हुए कहा । माँ किस आदमी को मेरे गले बांध दिया आपलोगो ने अवनी रोते हुए सोफे पर सिर पकड़ बैठ गयी। क्या बात है बेटा सब ठीक है ना तुम दोनों के बीच माँ ने अवनी से पूछा। माँ ठीक होता तो ये सारे बहस ही क्यों?

आप अपने दामाद से क्यों नही पूछती। हर चीज भूल जाते है। किसी चीज की हद होती है माँ। और आज मुझे यहाँ लाना था तो खुद चले आए फोन पर बात करते करते वहाँ मैं सोच रही कहा चले गए कब आएंगे। जब फोन मिला तो बोल रहे मैं तो तुम्हारे घर पे हू। अब तुम ऑटो से आ जाओ।हर चीज भूलना क्या ठीक है। किसी चीज की हद होती है माँ। मैं कितना बर्दाश्त करू। जब बोलती हूँ तो उल्टा मेरे ऊपर ही ये बरस पड़ते है जवकि गलती मेरी नही इनकी होती है। हर छोटी छोटी बात भूल जाते है। रखते कहि है और बताते कही है। पूरा दिन इनके इस हरकत से मैं उलझ पड़ती हुँ। कितना सहू। अब नही होता।

देख रही मम्मी बात बात पर मुझे ताने देती है ऋषि ने मम्मी से कहा। हा मुझे तो पागल कुत्ते ने काट लिया है जो बेफकूफो कि तरह आपके पीछे पीछे घूमती रहती हूं। कभी सोचते है मेरे बारे में ! मैं भी किस भुलक्कड़  व्यक्ति से बात कर रही हूं। भगवान का शुक्र है कि आप को इतना याद है कि मैं आपकी बीवी हु मेरे लिए इससे बढ़कर कुछ नही। वरना जिंदगी तो आपके साथ झण्ड हो चुकी है। परेशान हो चुकी हु रोज रोज के आपके इस व्यवहार से।

अवनी परेशान ना हो हम लोग एक डॉ को जानते है उन्ही के पास ले चलते दामाद जी को माँ ने अवनी को समझाते हुए कहा। बेटा ऋषि क्यों ना हम डॉ के पास चलकर एक बार रूटीन चेकअप करा लें। मम्मी मैं ठीक हु भूल तो ये जाती है बोलती मुझे है।  बात बात पर झगड़ती है लड़ती है। दिमाग खराब हो जाता है। डॉ की जरूरत मुझे नही इसे है। अवनी जोर  से चिल्लाते हुए बोलती है देख ली माँ इस आदमी को अपने गलती तक का अहसास नही की इन्होंने क्या किया। ऊपर से बोल रहे डॉ की जरूरत मुझे है हद हो गयी। मैं नही रह सकती एक पल और इस आदमी के साथ। बस बहुत हो चुका अवनी ने गुस्से में कहा ।

बेटा ऋषि ऐसा करते है हम अवनी और आपका दोनो का ही चेकप करवा लेते ह अगर अवनी गलत होगी तो उसकी सजा अवनी को खुद ब खुद मिल जाएगी। मान जाइए दामाद जी। ठीक है मम्मी ऋषि ने जवाब देते हुए कहा।दोनो ही डॉ के पास पहुँचे अवनी डॉ से बताना शुरू की ऋषि अवनी एक बार वही उलझ पड़े । तब डॉ साहब ने दोनों के ही टेस्ट लिखे और अवनी के अनुसार उन्होंने ऋषि से घण्टो बात की बहुत कुछ करीब से पूछा। बात ही बात में ऋषि अपने ही माँ बाप का नाम भूल गए और परेशान होने लगे। जिससे उनके सर में दर्द होने लगा तब डॉ साहब ने बताया कि ये अल्जाइमर की बीमारी है जिसमे व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होती जाती है। वैसे तो यह बीमारी जो है वो सामान्यता बुजुर्गों में होती है।लेकिन आजकल के खानपान से यह बीमारी जल्द ही घेर रही।जिसका असर सामान्यता 60 वर्ष से शुरू होता है लेकिन कई लोग में इसके लक्षण 40 वर्ष में भी दिखने शुरू हो जाते है। अक्सर इस बीमारी से पीड़ित मरीज सामान कही भी रखकर भूल जाते हैं।इतना ही नही वह लोगों के नाम, पता व नंबर, खाना, अपना ही घर, दिनचर्या के कार्य, बैंक संबंधी कार्य, जैसे तमाम बातें भूलने लगते है। यह अल्जाइमर बीमारी, डीमेंशिया रोग का एक प्रमुख प्रकार है। डिमेंशिया के अनेक प्रकार होते हैं, इसलिए इसे अल्जाइमर डीमेंशिया भी कहा जाता है।
              अल्जाइमर डीमेंशिया प्रौढ़ावस्था व वृद्धावस्था में होने वाला एक ऐसा रोग है जिसमें मरीज की स्मरण शक्ति कमजोर होती जाती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे यह रोग भी बढ़ता जाता है। याददाश्त क्षीण होने के अलावा रोगी की सोच-समझ, भाषा व व्यवहार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।इस रोग में मरीज के अंदर चिड़चिड़ापन, शक्की, अचानक रोना, भाषा व बातचीत प्रभावित होना आदि में परिवर्तन आना शुरू हो जाता है।

इतना सुन ऋषि घबड़ा कर पूछे- मैं इससे कैसे बाहर निकल सकता हूँ। देखिए परेशान रहना, ज्यादा सोचना कम कर दीजिए जिससे दिमाग पर जोर लगना कम हो जाएगा। इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए  आपको बौद्धिक गतिविधियों पढ़ाई, खेलकूद जैसे क्रास वर्ड व अन्य दिमागी शक्ति लगने वाली गतिविधियों से जुड़ना होगा। ज्यादा  से ज्यादा बादाम व ड्राई फ्रूट खाने चाहिए जिससे दिमाग तेज होता है व याददाश्त बढ़ती है। साथ ही दिन की शुरुआत ग्रीन टी से करे जिससे अल्जाइमर के दौरान दिमाग में बढ़ने वाले जहरीले बीटा-एमिलॉयड नामक प्रोटीन के प्रभाव को कम किया जा सकता है। खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल,साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल अल्जाइमर रोग से लड़ने में मदद करती है।वही रोजाना व्यायाम व योग ,टहलने से अल्जाइमर के प्रभाव को कम किया जा सकता है।मेडीटेशन करने से भूलने की समस्या पर काबू पा सकते हैं।हो सके तो कम से कम  जंक फूड का इस्तेमाल करे  आजकल जंक फूड से तमाम बीमारियां फैल रही । जिसपर रोक लगाना हमारे ही हाथ मे है और घबराए नही इस बीमारी पर हम स्वयं से काबू पा सकते है ।
ऋषि ने सबके सामने ही अवनी से माफी मांगी मुझे माफ़ कर दो अवनी। अवनी के आंखों से आँसू गिर गए और ऋषि के गले से लग गयी।


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