ससुराल के व्यंग्यबाण | कहानी - 11



सही तो कहती थी अम्मा, ये दुनिया कड़वी मगर सच्ची है। शानवी घर का सारा काम निपटा अपने कमरे में आई और प्लग पर लेट गयी,इस टच दुनिया मे खुद की दुनिया को अनटच सा महसूस करने लगी। आज उसकी प्रिय मित्र शेवता ने अपने हनीमून की बेहतरिन रोमांटिक जोड़ी की तस्वीरें कैद कर सबके आगे शेयर की। देखो तो कितनी खुश है शेवता, मेरे मन मे तुरन्त आया। बिल्कुल जैसे खवाबो को पिरोती थी,वैसा ही हसबैंड भी मिल गया। मगर माधव! माधव रोमांटिक क्यों नही। मेरी शादी को भी तो अभी एक साल होने को है। तो क्या मुझमे शेवता जैसी बात नही जो माधव कभी रोमांटिक नही हुए ना ही कभी रोमांटिक पोज में फ़ोटो खिंचवाए। क्यों? 

शानवी झट से उठ खड़ी हुई और खुद को शीशे के आगे तलाशने लगी कि मैं भी कैसे रोमांटिक लगू की ये माधव भी रोमांटिक हो जाए। मैं भी दुनिया को दिखाऊ मेरे पति से ज्यादा प्यारा और प्यार करने वाला कोई नहीं। काश !माधव भी रोमांटिक होते। शानवी ने झट से गूगल पे रोमांटिक होने के टिप्स सर्च करना शुरू किया। अब क्या बस मिलगयीं उसे रोमांस घुटी। 

शाम को ऑफिस से आते  माधव को आज शानवी का नया रूप दिखा। शानवी रेड गाउन पहने बिल्कुल रोमांटिक मूड में माधव के हाथ से उसका बैग लिया और काउच पर रख किचन में चली गयी। तुरन्त हाथो में रुब्जे से भरी ग्लास ले कर माधव के सामने खड़ी हो गयी। माधव ने थोड़े  आराम से पूछा शानवी आज तो तुम्हारा जन्मदिन नही है ना ही हमारी सालगिरह तो ये पूरे घर मे कैंडल लाइट क्यों जल रहे। जमीनों पर फूल क्यों बिखेर रखा है। और और और ये सब क्या है रुबजा । और ये रात में पहनने वाले कपड़े तुमने दिन में क्यों डाल रखा है माना घर पर माँ बाबूजी नही है मगर मेरी जगह अभी कोई और आया होता तो ये क्या अच्छा लग रहा। तुम बताओ शोभा दे रहा ये तुम घर की बड़ी बहू हो। इस तरह के कपड़े ,खैर तुम्हे मुँह लटकाने के अलावा कुछ आता ही कहा है। शानवी बिल्कुल निराश हो गयी।माधव रुबजा थामे अपने कमरे में चले गए।

शानवी निराश हो कोउच पर बैठ गयी। ये सोचने लगी कि क्या वाकई ये दुनिया जो दिखती हैं वो वाकई ऐसी ही होती है। बिलकुल रंगीन। या माधव ही ऐसे है। क्या उन्हें मेरा रोमांटिक अंदाज समझ नही आया या उन्हें मैं इस तरह के रूप में। काश मेरे भी पतिदेव भी थोड़े रोमांटिक होते। मैं भी दुनिया को दिखाती बुदबुदाते हुए उसने ज्यो मोबाइल नीचे रखा माधव उसके ठीक पीछे खड़ा। था। शानवी इस बार माधव ने प्यार भरे लहजे से पूछा,ये इतना रोमांटिक माहौल क्यों। मुझे पता है अपको नही पसन्द माफी चाहती हूँ शानवी ने काउच से उठते हुए कहा। शानवी ये देखावे का रोमांस तुम्हे इतना रोमांचित कर रहा। मेरे दिल मे जो तुम्हारे लिए रिस्पेक्ट है वो मायने नही रखती। शानवी माधव से लिपट कर वो सब कह डाली कि क्यों वो आज ये सब की। इतना सुनते माधव को हँसी छूट पड़ी उसने शानवी को समझाया ऐसे दिखावटी रिश्ते अक्सर जो फेसबुक पर दिखते है अक्सर कुछ फेक होते है। या तो उनमें बहुत प्रेम होता है,या उनमे बहुत कड़वाहट आ जाती है मगर हम सेल्फी की दुनिया वाले नही है शानवी हमारा रिश्ता इस दुनिया से भी ज्यादा मजबूत है कि कोई मुझे तुम्हारे बारे में कुछ बोले तो मैं कभी न मानु लव यू शानवी। शानवी माधव के गले लग गयी समझ गयी कि वाकई सोशल दुनिया की चकाचौंध और बाद में ये पता लगना कि उसका हसबैंड छोड़ दिया या उन दोनों में बात नही होती तो इस बात से हमारा रिश्ता ही सही है। चलिए खाना लगा देती हूं। हम्म। 

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