मॉडर्नाइजेशन वाला करवा चौथ

भारतीय विरासत हमेशा से ही सोने की भांति चमकता आ रहा है। अब वो चाहें रीति-रिवाज हो या खान-पान,वेशभूषा या फिर बोली-ठोली।भले ही समय के बदलते चक्र में विरासत में कुछ नए कलेवर जुड़े तौर तरीके बदले,लेकिन भारत के रीति रिवाज की पहचान बरकरार है।अब वो भले ही मॉडर्न युग के मॉडर्नाइजेशन वाला बदलता ट्रेंड ही क्यों ना हो।हिंदू धर्म में अनेक ऐसे त्योहार आते हैं जो हमें रिश्तों की गहराइयों तथा उसके अर्थ से चित-परिचित करवाते हैं।हाल ही में पति की लंबी आयु और सौभाग्य का प्रतीक करवा चौथ का पर्व 4 नवंबर को है। हर औरत की ख्वाइश होती है कि वह सदा सुहागन रहे और उसके वैवाहिक जीवन में हमेशा मिठास बनी रहे। इसलिए हर सुहागिन कार्तिक माह की चतुर्थी को अपने पति की दीर्घ आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है।हर गली मोहल्ले और बाजार में करवा चौथ की धूम भी देखने को मिलती हैं। लेकिन वक़्त के इस घुमन्तू पहिया ने करवा चौथ को एक नया ट्रेंड दिया है; वो है जीवन संगिनी को पाने और उसकी लंबी उम्र की कामना करने के लिए अब पति भी रख रहे हैं करवा चौथ! 


इस मॉडर्न घुमन्तु पहिया ने एक तरफ जहाँ महिलाओं को पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने का अवसर दिया।तो वही एक लंबी अवधि के बाद महिलाओं की बहस को पतियों ने भी आखिरकार स्वीकार ही लिया। जी हाँ, आपने भी यह कहावत भली भांति सुना ही होगा;एक नारी सब पर भारी। सदा ही महिलाएं अपने पतियों से इस बात पर बहस कर पड़ती है कि आख़िर हम ही आपके लम्बी उम्र की कामना क्यों करे?क्यों हम ही आपकी उम्र की चिंता करे?क्या हमने आपके सुरक्षा का ठेका ले रखा है?क्या आपको नही लगता है कि हमे भी हमारी पत्नी की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखना चाहिए?सदा से चली आ रही रीत में अब बदलाव की गुहार दिखने लगी है। भगदौड़ वाली जिंदगी में जितना पति की थकान है उतनी ही पत्नी की भी शायद उससे ज्यादा। ऐसे में जब पति ये खबर सुनाए की वो भी अपनी पत्नी के लिए निर्जला व्रत है तो पत्नियों की खुशी का ठेकाना नही रहता है। यही है पति पत्नी के प्यार की बयार।वैसे कहने को तो यह त्योहार सुहागिनों का त्योहार है, लेकिन आज के बदलते ट्रेंड में पति भी इस त्योहार को तेजी से पसंद कर रहे हैं और बड़ी आस्था के साथ पत्नियों को अपने प्यार का एहसास दिलाने व लंबी उम्र के लिए इस व्रत को बड़े ही श्रद्धा से रख रहे हैं।ग्लोबलाइजेशन के इस भागदौड़ वाले दौर में करवाचौथ तेजी से ट्रेंड बनकर उभरा है।देखा जाए तो पुरषो ने इस त्यौहार से जुड़ी भावनाओं को अच्छी तरह तब पहचाना जब बॉलीवुड इडस्ट्री व टीवी सीरियल ने महिलाओं की नब्ज पकड़ाई।जहां करवा चौथ पर्व पति के प्रति समर्पण का प्रतीक हुआ करता था,आज यह पति-पत्नी के बीच के सामंजस्य और रिश्ते की ऊष्मा से दमक और महक रहा है।इसीलिए इस बदलाव का श्रेय हमारी फिल्म इंडस्ट्री की दुनिया को ही जाता है। जहां करवा चौथ क्या है?कैसे मनाते हैं?पति पत्नी के प्रेम व मॉडर्न युग की हर पत्नी की सोच पर करवा चौथ का बदलता लुक। तो हम यह कह सकते है कि इतिहास के इस नए मॉडर्न युग ने करवा चौथ को पूर्ण रूप से अपनी पुरानी जेनरेशन यानी दादी-नानी से नहीं, बल्कि यशराज की फिल्मों से ही सीखा और जाना है।पति की दीर्घायु के लिए सदियों से मनाए जा रहे इस पर्व का आकर्षण आधुनिकता के इस दौर में फीका नहीं बल्कि एक नए रूप में बनकर उभरा है।मॉडर्नाइजेशन के ग्लोबलाइजेशन की दुनिया मे सोशल नेटवर्किंग के दौर में 'करवा चौथ' के प्रति महिलाओं में किसी भी प्रकार की कमी नहीं बल्कि आकर्षण का ट्रेंड बढ़ा है।कुछ लोग सेल्फी पोज के लिए इस व्रत को रख रहे तो वही बदलते दौर में पत्नियों के साथ पति भी अपने सफल दांपत्य जीवन के लिए करवा चौथ व्रत का पालन पूर्ण रूप से कर रहे।इसीलिए मॉडर्न युग ने करवा चौथ को जीवनसंगिनी दिवस का नाम दिया। इस दिन नए कपड़े, चमचमाते गहने, मेकअप, मेहंदी,व पति पत्नी में कोई समझौता नहीं,बल्कि हर चीज 'बेस्‍ट' करने की कोशिश की जाती है। एक समय था जब महिलाएं पूरे दिन भूखे प्यासे इस व्रत को किया करती और दोपहर से ही चन्द्रदेव को चढ़ने वाले छप्पन भोग को बनाने में जुट जाती। जब तक चाँद ना देखती पूर्ण रूप से कथा कहानी ,गाने नही कहती धोबी व गाय को भोजन ना कराती तब तक उनका व्रत पूर्ण ना होता। लेकिन मॉडर्न युग मे पन्ना पलट गया महिलाओं के साथ पुरुष भी निर्जला व्रत पूरे दिन रखते और शाम को चाँद दिखने पर महिलाएं अपने पति को छलनी से देख पानी ग्रहण करती और पति अपनी पत्नियों को देख कर। उसके बाद रेस्तरां में खानापीना कर के इस व्रत को पूर्ण कर रहे। वही कुछ लोग अपनी पत्नियों को करवा चौथ पर डेट पर भी ले जाते है जिससे इस दिन को और खास बनाया जा सके। वही टीवी सीरियल और बॉलीवुड से इंस्पायर कुँवारी लड़किया भी अपने प्रेमी और मनचाहा पति को पाने की चाहत में करवा चौथ का व्रत रखने लगी है।तो हम यह मान सकते है कि ये मॉडर्नाइजेशन वाला ही करवा चौथ है!
 



 



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