शादी का वो पहला सावन




दीदी.... दीदी..... दीदी... अरे बड़ी आफ्तींन है ये लड़की, हमेशा हवा के तरह चलती है। अरे क्या हुआ छुटकी दादी ने दबी आवाज में पूछा। अरे दीदी का फोन आया है दादी छुटकी ने जवाब दिया।सौम्या शायद छत पर गई है अपनी सहेलियों के साथ,किसका फोन आया है।तू ही उठा ले दादी ने कपकपाती आवाज में कहा। लेकिन छुटकी दीदी दीदी करते किसी लम्बे रेस में दौड़ लेने वाले प्रतियोगिता की तरह छत की ओर दौड़ लगाई...!
हहहहहहहह.......उफ़्फ़फ़!अरे छुटकी, क्या हुआ सौम्या घबड़ाते हुए बोली,छुटकी का चेहरा फीका और लाल पड़ चुका था,पसीने से लथपथ चेहरा देख घबड़ा कर पूछी का हुआ छुटकी। छुटकी लम्बी सास लेते हुए फोन सौम्या की ओर बढ़ा दी। सौम्या कुछ समझती कि दुबारा से फोन की घण्टी बजी...विनय।सौम्या फोन को देखते हुए छुटकी का गाल खीचते हुए मस्कुराई और फोन उठाई..! अपने सौम्य मधम आवाज में बोली," हेल्लो उधर से जवाब आया कहा थी तुम कब से कितने फोन कॉल्स किया नो रिप्लाई,कब से कितना बैचेन हु मैं। तुम्हे क्या पता,इतनी देर से बेल जा रही। क्या कर रही थी। वो... सौम्या कुछ बोलती उसकी बात को काटते हुए विनय ने कहा तुम्हारे बिन मन नही लग रहा मेरा। मैं भी आ जाऊ। मेरे भी तो शादी का पहला सावन है तुम्हारे साथ जब हम दोनों के साथ से जुड़ा है तो फिर यू अलग अलग दूर क्यों रहना। याद भी है तुम्हे ठीक से बाते तक नही की हो तुम मुझसे दो रोज से,अब आखिर किस बात का शर्म। पति हू तुम्हारा हक है मेरा तुमसे रात रात बात करने का। अब बोलो भी!विनय ने भावुक होते हुए कहा। मुझे पता है तुम्हे वहाँ ज्यादा अच्छा लग रहा होगा,मेरी याद कहा आएगी।हम तो ठहरे पराए। अरे ऐसा नही है। आप ऐसे क्यों बोल रहे,मैं तो कभी नही सोचती। वो तो मैं...रुको रुको..सौम्या अपनी बात बिना पूरी किये फिर चुप हो गयी ,"अरे वाह क्या धुन बज रही है बिल्कुल हम दोनों पर सटीक बैठता है विनय ने सौम्या को जवाब देते हुए कहा सौम्या भी मुस्कुरा पड़ी। रेडियो पर धुन बज रही थी- "अब के सजन सावन मे,आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी मगर तरसेगी नज़र,
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में....!" सौम्या खिल-खिला कर बोली आप भी ना। दरअसल अब मैं बोलूंगी आप सुनोगे। मैं अभी हरी साड़ी ,हरी चूड़ी,हरी बिंदी,लगा कर छत पर अपनी दोस्तो के साथ ऊपर आई हूं यही डांस और मेहंदी हो रहा है। वाह, मुझे देखना है। ठीक है ,वीडियो कॉल उठाइए। वाआआओऊऊ मेरी चांद जैसी बीवी। बहुत सुंदर लग रही तुम अरे मेहंदी तो अधूरी है, ह्म्म्म अरे आप ड्राइव कर रहे। हा कही जा रहा हू। कहा जा रहे,सौम्या ने विनय से उत्सुकता में पूछा। तुम बताओ विनय ने फोन को घुमाते हुए वीडियो दिखाया अअअअअ...आप यहाँ आ रहे। औरर मुझे बताया तक नही ,पहली बुझा रहे। बता देता तो सरप्राइज कैसे रहता,अच्छा विनय सुनिए आप आराम से ड्राइव करिये पहले फिर हम तो यहां भी बात करेंगे,नही रहो ना फोन पर । तुम कितनी डरती हो यार। डर तो नही रही बस कहना चाहती हूँ ड्राइव करते समय फोन पर बात नही करना चाहिए। अच्छा ठीक है ससससससससस.......हेल्लो हेल्लो हेल्लओ विनय बोलिए क्या हुआ विनय विनय कुछ तो बोलिए। हेल्लो सौम्या रोते रोते जमीन पर गिर गई। उसकी सभी सखियां दौड़कर उसके पास आ गयी। सौम्य सौम्य दीदी दीदी बोलो न क्या होगया। पापा मम्मी दादी छुटकी अपने सुर में छत से चिलाने लगी क्या हुआ।सभी दौड़कर छत पर आ गए। सौम्य सौम्य क्या हुआ मेरी बच्ची सौम्य रो रो कर लस्त हो गयी।वो वो ..सौम्या ने कपकपाते अल्फ़ाज से कहा विनय और इतना कहते वो माँ के सीने से चिपक गयी। विनय क्या अरे फोन कीजिए जी क्या कर रहे है क्या बात हो गयी । बोल बच्ची दादी नीचे से अपनी जान में सबसे तेज आवाज लगा रही थी मगर सही मायने में वो बोल भी न पा रही थी घबराहट से दादी की आवाज काँप रही थी। क्या हुआ जी घण्टी गयी माँ परेशान हो पापा से बोली ,अरे घण्टी जा रही उठे तब ना पापा ने खींज कर जवाब दिया। हेल्लो हेल्लो सभी की नजर इस वक़्त पापा के ओर थी। हेल्लो दामाद जी ,जी मैं आपका दामाद नही बोल रहा मैं पवन बोल रहा हूं इनका एक्सीडेंट हो गया है। नुरुल्लाह रोड बायपास आप अगर नजदीक है तो यही के पास हॉस्पिटल में इन्हें भर्ती किया जा रहा। एम्बुलेंस बुलाया है बस आते इन्हें हॉस्पिटल ले जाएंगे।माहौले के काफी लोग इकट्ठा हो गए क्या हुआ काशी भैया वो दामाद जी ,उनका एक्सीडेंट हो गया। मेरी हिम्मत जवाब दे दी है अकेले कैसे इतनी जल्दी पहुँचूँ। अरे काशी भईया हम सब के साथ होते हुए क्यों इतना सोचना घर की गाड़ी है अरे पन्नू बेटा गाड़ी निकालो इमरजेंसी है। जैसे तैसे सब निकले सौम्य तू परेशान मत होना मेरी बच्ची मैं हु ना पापा की इतनी बात सुन सौम्या किसी मोम की तरह पिघल कर घिघियाते हुए रोई पापा हमे भी साथ ले चलिए। प्लीज पापा। ठीक है बेटी। सौम्य भी सबके साथ वहाँ पहुँच गयी । तब तक सौ से ऊपर कॉल हो चुके थे हर तरफ। किसी तरह सब वहाँ पहुँचे। चारो तरफ अफरातफरी थी,पुलिस अपने काम मे जुटी थी डॉक्टर अपने। तभी किसी ने आवाज लगाई इस फला मरीज के घर आ गए क्या। सौम्य के पापा दौड़ते हुए गए जी जी मैं हु,दामाद है हमारे।देखिए घबराने की बात नही ज्यादा बस सर पर हल्का जख्म है दो माह तक मे ठीक हो जाएगा। सीटी स्कैन की रिपोर्ट आते आप पुलिस की कार्यवाही के बाद इन्हें ले जा सकते है। जी क्या एक बार उन्हें देख सकते है। इसकी परमिशन आप पुलिस से लीजिए जी।एक पिता लाचार की तरह हाथ जोड़ पुलिस के आगे ज्यो खड़े हुए राम बेटा पहचाने काशी अंकल क्या हुआ ये आपके घर के है या कोई नोन।अपनी सौम्य के पति है। सब ठीक है न सौम्य की हालत रो रोकर खराब हो गयी हैं। एक बार बस वो देख लेती। रुकिए मैं खुद अंदर ले चलता हूं परेशान मत होइए मैं हु ना। कहा है सौम्या ,मैं लेकर आता हूं वो तो बिल्कुल लस्थो गयी है आज उसका व्रत भी है महादेव पता नही किस बात की परीक्षा ले रहे। सौम्या चल विनय को देखने,सौम्या की आंखे पथरा चुकी थी, सुस्त हो चुकी थी। पिता और राम के साथ अंदर गयी ।विनय के सर पर हल्का जख्म था। सौम्य विनय को देखते ही रोने लगी। उसे वो हर बात घूम रही थी जो घण्टो पहले विनय बिना उसकी बात सुने अपनी कहते जा रहे थे। कुछ घण्टो बाद विनय को होश आ गया और पुलिस परमिशन मिलते सब घर आ गए। अब सौम्या और विनय का प्यार दिन पर दिन गहराता गया। विनय भी अब सौम्या की हर छोटी से छोटी बात सुनने लगा था। सौम्या भी विनय का उतना ही ख्याल। लेकिन जब भी सावन आता उसे बीते पल याद आ जाते। 

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